पहले व्यक्ति द्वारा देनदारी नहीं चुकाने पर दूसरे से वसूल की जा सकती है बकाया देनदारी

आत्माराम सोनी.भोपाल
कोई व्यक्ति जिसके ऊपर जीएसटी की देनदारी बकाया है वह अगर अपना व्यवसाय किसी अन्य व्यक्ति को बेच देता है या किसी अन्य प्रकार से हस्तांतरित कर देता है तो उसके बाद भी उस पुरानी बकाया की जिम्मेदारी उसके ऊपर रहेगी। साथ ही पहले व्यक्ति द्वारा वह देनदारी ना चुकाए जाने पर दूसरे व्यक्ति से भी यह बकाया वसूल की जा सकती है। यह बात टैक्स लॉ बार एसोसिएशन द्वारा आयोजित कार्यशाला में युवा एडवोकेट सानिध्य पस्तोर ने जीएसटी एवं आयकर कानून की बारिकियों के विषय में उपस्थित कर सलाहकारों को जानकारी देते हुए कही।
भागीदारी फर्म में भागीदारों की जिम्मेदारी रहती
उन्होंने कहाकि कंपनियों के आपस में विलय होने के बाद भी दोनों कंपनियों की जवाबदारी बकाया चुकाने की रहती है। जीएसटी की धारा 89 के अंतर्गत प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के डायरेक्टर भी किसी बकाया का भुगतान करने के लिए जवाबदेह हैं, किसी भागीदारी फर्म में भागीदारों की भी बकाया राशि के भुगतान की जिम्मेदारी रहती है परंतु अगर उसने फर्म से अलग होने की सूचना निर्धारित समय में विभाग को दे दी है तो वह देनदारी से बच सकता है।
उत्तराधिकारी की भी बकाया चुकाने की रहती है जिम्मेदारी
किसी व्यवसाय के मालिक की असमय मृत्यु होने पर उसके उत्तराधिकारी की भी बकाया चुकाने की जिम्मेदारी रहती है परंतु वह राशि उसे विरासत में प्राप्त संपत्तियों से अधिक नहीं होगी। व्यक्ति अगर बिना किसी उचित मूल्य के अपनी संपत्ति किसी को हस्तांतरित कर देता है तब वह हस्तांतरण शून्य माना जाएगा एवं उस संपत्ति से जीएसटी की बकाया की वसूली की जा सकती है। इस अवसर पर संस्था के अध्यक्ष मृदुल आर्य, उपाध्यक्ष अंकुर अग्रवाल, सचिव मनोज पारख, कोषाध्यक्ष धीरज अग्रवाल, वरिष्ठ सदस्य राजेश्वर दयाल, अवधेश शाह आदि उपस्थित थे।