प्राकृतिक गैस की मांग 2030 तक 60 फीसदी तक बढ़ने की संभावना

भोपाल । राजधानी एक स्वच्छ एवं स्वस्थ भविष्य की दिशा में बढ़ रहा है। इसके पीछे लोगों द्वारा तेजी से प्राकृतिक गैस को अपनाना है। यह सब संभव हुआ है थिंक गैस की पीएनजी की ओर रुख करने से। जिससे उत्सर्जन और ईंधन का खर्च काफी घटा है। भोपाल सहित सभी जिलों में वायु गुणवत्ता सुधारने के लिए मध्य प्रदेश सरकार ने 5,000 करोड़ रुपए के निवेश की एक बड़ी योजना बनाई है। नई नीतियों, स्थानीय प्रयासों और सरकार एवं कारोबारियों के बीच साझेदारी के साथ भोपाल धीरे -धीरे यहां के निवासियों के लिए ताजी हवा में सांस लेने का एक बेहतर बन रहा है।
- प्राकृतिक गैस की मांग 2030 तक 60 प्रतिशत तक बढऩे की संभावना
भोपाल का ऊर्जा परिवर्तन राष्ट्रीय स्तर पर एक व्यापक परिवर्तन की झलक पेश करता है जहां आईईए की एक नई रिपोर्ट के मुताबिक भारत के प्राकृतिक गैस की मांग 2030 तक करीब 60 प्रतिशत तक बढऩे की संभावना है। यह रिपोर्ट इस देश को विश्व के सबसे बड़े गैस उपभोक्ताओं में शुमार करती है। इस बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए प्रधानमंत्री की स्वच्छ ऊर्जा रूपरेखा में मजबूत बुनियादी ढांचे के निर्माण विशेषकर देशभर में एलएनजी नेटवर्क का तेजी से विस्तार करने को प्राथमिकता दी जा रही है।
-भोपाल में एक स्वच्छ परिवहन आंदोलन का हिस्सा बनकर उभरा
भोपाल में लॉजिस्टिक परिचालक रमेश सिंह ने कहाकि थिंक गैस एलएनजी स्टेशन और इनकी नेट मीटरिंग सेवा से हमारे परिचालन में व्यापक पारदर्शिता और कार्यकुशलता आई है। हम रीयल टाइम आधार पर ईंधन के उपयोग पर नजर रख सकते हैं जिससे लागत नियंत्रित करने और प्रदूषण घटाने में मदद मिलती है। यहां भोपाल में एक स्वच्छ परिवहन आंदोलन का हिस्सा बनकर उभरा है।
एक स्थानीय रेस्तरां के मालिक राजेश कुमार का कहना है,“थिंक गैस की पीएनजी की ओर रुख करने से हमारा उत्सर्जन और ईंधन का खर्च काफी घटा है। स्वच्छ ईंधन के उपयोग से हमें कारोबार बेहतर ढंग से चलाने में मदद मिलती है और आसपास मौजूद हर किसी के लिए एक स्वस्थ्य वातावरण के निर्माण में भी योगदान मिलता है। इन सकारात्मक कदमों के बावजूद यातायात जाम, निर्माण के दौरान धूल और औद्योगिक प्रदूषण इस शहर के लिए प्रमुख चुनौतियां बने हुए हैं। यहां के कई बाशिंदो को स्वच्छ ईंधन विकल्पों तक सुगम पहुंच से स्थिति सुधरने की उम्मीद है।
स्थानीय निवासी अरविंद पटेल ने कहा, “भोपाल अपने वायु की गुणवत्ता सुधारने के लिए ये कदम उठा रहा है, यह देखकर वास्तव में गर्व होता है। थिंक गैस सीएनजी की ओर रुख करना आसान और किफायती है और मैं सहज रूप से महसूस कर सकता हूं कि हवा में ताजगी है।”