बीमा दलालों को उच्च प्रशासनिक मानक और व्यावसायिक नैतिकता बनाए रखनी चाहिए: सत्यजीत त्रिपाठी

मुंबई। आईआरडीएआई के वितरण सदस्य सत्यजीत त्रिपाठी ने बीमा दलालों को आगाह किया कि वे मूल्यांकन बढ़ाने और व्यवसाय करने के लिए सूचीबद्ध होने के लिए कोई भी तीखा व्यवहार न अपनाएं, जो आगे चलकर पूरे पारिस्थितिकी तंत्र के लिए हानिकारक साबित हो सकता है। भारतीय बीमा ब्रोकिंग उद्योग में विदेशी निवेशकों की रुचि बढ़ रही है और इस क्षेत्र के दिग्गजों को यह सुनिश्चित करने के लिए कड़ी मेहनत करनी चाहिए कि प्रशासनिक मानक उच्च रहें और व्यावसायिक नैतिकता बनी रहे। त्रिपाठी भारतीय बीमा दलाल संघ (आईबीएआई ) के 24वें स्थापना दिवस पर उसे संबोधित कर रहे थे।
नियामक दिन-प्रतिदिन बढ़ती गतिविधियों को देख रहा
बीमा वितरण क्षेत्र के कई संस्थानों और अन्य ने अपने द्वारा सृजित मूल्य पर ध्यान देना शुरू कर दिया है। इस क्षेत्र में विलय और अधिग्रहण और विभाजन में रिकॉर्ड गतिविधियों से इसकी पुष्टि होती है। हम इस क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की बढ़ती रुचि देख रहे हैं। त्रिपाठी ने कहा कि नियामक इस क्षेत्र में दिन-प्रतिदिन बढ़ती गतिविधियों को देख रहा है। त्रिपाठी ने कहाकि बीमा दलालों को प्रतिभाओं को पोषित करना होगा और व्यवसाय के उन पहलुओं पर ध्यान देना होगा । आईआरडीएआई वितरण क्षेत्र में कई बदलावों की योजना बना रहा है और उद्योग में विकास को बढ़ावा देने के लिए कुछ उपायों का अनावरण करने का इरादा रखता है।
2027 तक प्रति व्यक्ति बीमा खर्च 300-400 डॉलर होगा
रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी के सीईओ राकेश जैन ने कहाकि बीमा कंपनियाँ अच्छी तरह से पूंजीबद्ध हैं और पिछले 25 वर्षों में अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं। देश में लोगों की प्रति व्यक्ति आय बढ़ रही है, जो बीमा उद्योग के लिए शुभ संकेत है। 2027 तक प्रति व्यक्ति बीमा खर्च 300-400 डॉलर तक पहुंच सकता है। मूल मुद्दा यह है कि ये बीमा कंपनियाँ पिरामिड के सबसे निचले तबके तक कैसे पहुंचती हैं।