एआईसीटीई और एवीपीएल के सहयोग से एरोविजन ड्रोन लैब का उद्घाटन

फरीदाबाद। मानव रचना यूनिवर्सिटी में ड्रोन प्रशिक्षण एवं नवाचार केंद्र ‘एरोविज़न ड्रोन लैब’ का उद्घाटन हुआ। एआईसीटीई के सहयोग और एवीपीएल की साझेदारी में स्थापित यह लैब भारत की भविष्य-उन्मुख, कुशल ड्रोन वर्कफोर्स को तैयार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। उद्घाटन प्रो. (डॉ.) अनिल सहस्रबुद्धे, अध्यक्ष नेशनल एजुकेशनल टेक्नोलॉजी फोरम , नेशनल बोर्ड ऑफ एक्रेडिटेशन और नेशनल असेसमेंट एंड एक्रेडिटेशन काउंसिल के अध्यक्ष ने किया। इस अवसर पर एआईसीटीई के अध्यक्ष प्रो. टीजी सीताराम और मानव रचना शैक्षणिक संस्थानों के वरिष्ठ गणमान्य अतिथि भी उपस्थित रहे।
‘एरोविजन ड्रोन लैब’ को एक बहु-विषयक केंद्र के रूप में विकसित किया गया है, जो कंप्यूटर साइंस, मैकेनिकल, रोबोटिक्स, इलेक्ट्रॉनिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे बीटेक विशेषीकरण के छात्रों को ड्रोन पायलट, सेवा तकनीशियन और बैटरी सिस्टम विशेषज्ञ जैसे उभरते करियर के लिए तैयार करेगा। इसका उपयोग कृषि, निगरानी और आपदा प्रबंधन जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में किया जाएगा।
यह पहल तकनीकी शिक्षा के सही भविष्य को दर्शाती
इस अवसर पर प्रो. (डॉ.) अनिल सहस्रबुद्धे ने कहकि आज की पीढ़ी को उन तकनीकों का वास्तविक अनुभव मिलना चाहिए जो भारत के भविष्य को दिशा देंगी। कृषि, इंफ्रास्ट्रक्चर, रक्षा और आपातकालीन सेवाओं में ड्रोन की भूमिका निरंतर बढ़ रही है और ऐसे में मानव रचना की यह पहल तकनीकी शिक्षा के सही भविष्य को दर्शाती है। प्रो. (डॉ.) दीपेंद्र कुमार झा, कुलपति, मानव रचना यूनिवर्सिटी ने कहाकि यह ऐसा मंच बनेगा जहां ड्रोन सेवाओं में एप्लाइड रिसर्च, उत्पाद विकास और स्टार्टअप इनक्यूबेशन को बढ़ावा मिलेगा। कृषि में एरियल एनालिटिक्स से लेकर आपदा प्रबंधन में ऑटोमेटेड रिस्पॉन्स तक, इसके उपयोग की कोई सीमा नहीं है।