भोपाल।  राजधानीवासी दक्षिणी क्षेत्रों तक फैले वृहद औद्योगिक और रिहायशी विस्तार अब शहर के उत्तर दिशा में स्थित राजा भोज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से सीधा, सुगम और समयबद्ध संपर्क चाहते हैं। इस आवश्यकता को देखते हुए प्रस्तावित वीआईपी रोड केबल-स्टे ब्रिज को राजधानी के भविष्य के विकास का आधार सेतु माना जा सकता है।  भोपाल में पंजीकृत वाहनों की संख्या लगभग 15 लाख तक पहुंच चुकी है।  राजधानी में औसतन 800 नए वाहन सड़कों पर उतरते हैं, जिससे वीआईपी रोड और लिंक रोड जैसे प्रमुख मार्गों पर अत्यधिक दबाव उत्पन्न हो रहा है। राजा भोज हवाई अड्डे पर 2024-25 में यात्रियों की संख्या 15.7 लाख रही, एक वर्ष में 20 फीसदी की वृद्धि, जिससे एयरपोर्ट कनेक्टिविटी की प्राथमिकता स्पष्ट होती है। 2025 के पहले 6 महीनों में ही 1,464 दुर्घटनाएं दर्ज की गईं जिनमें 131 मौतें हुईं, वीआईपी रोड, 10 नंबर और मंदाकिनी चौक जैसे क्षेत्रों में दुर्घटनाओं की पुनरावृत्ति चिंता का विषय बन रही है। अत: यातायात दबाव और वर्तमान परिवहन व्यवस्था को देखते हुए राजधानी को  ‘भोज जलपथ’ जैसे उत्तिष्ठ मार्गों की आवश्यकता है। 


 - प्रस्तावित केबल-स्टे ब्रिज: भविष्य की संरचना
 दक्षिणी भोपाल को एयरपोर्ट और नॉर्थ भोपाल से जोड़ने वाला यह फ्लाईओवर समय की मांग है। वीआईपी रोड पर प्रस्तावित लगभग 2 किमी लम्बा केबल-स्टे ब्रिज वाहन भार को पुनर्वितरित कर पर्यावरणीय दृष्टि से संवेदनशील भोजताल क्षेत्र की रक्षा करेगा। वैश्विक दृष्टांत जैसे कि ब्रुनेई का तोकु सिटी ब्रिज और सिंगापुर का जोहोर लिंक हाईवे इस तरह की संरचना की व्यावहारिकता और सौंदर्य का प्रमाण हैं।


- पब्लिक ट्रांसपोर्ट और स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर की आवश्यकता 
 भोपाल मेट्रो परियोजना के साथ समन्वय करते हुए मल्टी-मोडल ट्रांजिट हब की योजना आवश्यक है। साथ ही यात्रियों की सुविधा हेतु मेट्रो स्टेशनों के आसपास ई-रिक्शा, बस और टैक्सी सेवाओं के लिए समर्पित ज़ोन बनाए जाने चाहिए। एआई -आधारित ट्रैफिक सिग्नल कोऑर्डिनेशन, सीसीटीवी विजुअल एनालिटिक्स, और डेटा एनालिटिक्स आधारित ट्रैफिक मैपिंग से दुर्घटनाओं में स्पष्ट गिरावट देखी जा सकती है। भोपाल और इंदौर में बीआरटीएस हटाने के बाद दुर्घटनाओं में 70 फीसदी तक कमी देखी गई है।


-   वैश्विक मानकों पर प्लान व डिजाइन किया जाए 
 भोपाल की आत्मा जल में बसती है और विकास की गति सेतु में। ‘भोज जलपथ’ हमारी सांस्कृतिक पहचान और आधुनिक जरूरतों का सेतु है। सांसद द्वारा राजा भोज की स्थापत्य परंपरा को आज की गति से जोड़ने का यह प्रशंसनीय प्रयास, राजधानी के भविष्य की रेखा खींच रहा है, लेकिन आवश्यक यह है कि आगामी सभी अधोसंरचना और परियोजनाओं को वैश्विक मानकों पर प्लान व डिजाइन किया जाए।

 


- फ्लाईओवर को 2025-26 की वार्षिक परियोजना  में किया जाए शामिल 
क्रेडाई भोपाल, लंबे समय से ‘कमाल का भोपाल’ अभियान के माध्यम से राजधानी में सुगम, सुरक्षित और स्मार्ट यातायात की वकालत करता आ रहा है। सांसद आलोक शर्मा द्वारा केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के समक्ष प्रस्तुत ‘कमाल का भोपाल’ रिपोर्ट आधारित यह प्रस्ताव निश्चित ही स्वागत योग्य है, जो एक विजनरी और डेटा-सपोर्टेड सुझाव है। हम आग्रह करते हैं कि इस फ्लाईओवर को 2025-26 की वार्षिक परियोजना प्राथमिकताओं में शामिल किया जाए ,ताकि राजधानी का यातायात, व्यापार, निवेश और जीवन की गुणवत्ता में जरूरी सुधार हो।
 मनोज मीक
फाउंडर,  ‘कमाल का भोपाल’ अभियान