भोपाल। ऑनलाईन शिक्षा, पारंपरिक सीमाओं को तोडकर अधिक से अधिक लोगों तक पहुंच प्रदान करती है सुविधाजनक और आकर्षक शिक्षा केवल ऑनलाइन प्लेटफार्म से ही संभव है क्योकि हम घर बैठे जब चाहे तब इस सुगम शिक्षा का अध्ययन कर सकते है । इसी ऑनलाइन प्लेटफार्म के माध्यम से पण्डित सौरभ कुमार जैन शास्त्री अम्बिकापुर ने संस्कृत के ग्रंथों का पठन पाठन कराकर, हमें न केवल व्यवहारिक व्याकरण से सशक्त बना रहे है अपितु आध्यात्मिक रूप से जन जन के कल्याण के लिए अपना अमूल्य समय निःस्वार्थ रूप से दे रहे हैं विगत कई वर्षों से संचालित संस्कृत ग्रंथों का ज्ञान दे कर अंहिसा और करूणा का मार्ग भी प्रशस्त कर रहे है। यही कारण है कि कभी यह अहसास ही नहीं हुआ कि कक्षा ऑनलाइन चल रही है या ऑफलाइन ।


सभी उम्र के सुधी जन  कक्षा से जुड़कर ज्ञान की कर रहे है पिपासा को शांत  
यह ज्ञातव्य है कि सौरभ जैन प्रतिदिन रात्रि 8 बजे से आचार्य समंतभद्र  द्वारा विरचित संस्कृत का ख्यातिलब्ध ग्रंथ श्री रत्नकरण्डक श्रावकाचार का सस्वर वाचन, नवीन विचारो के समावेशन के साथ, वैज्ञानिक, तार्किक, और आध्यात्मिक अध्ययन जिज्ञासा समाधान के साथ करा रहे है। उनकी यह अनूठी शिक्षण शैली का ही प्रभाव है कि देश विदेश के शताधिक सुधी जन इस कक्षा का निरंतर रसास्वादन कर रहे है। संस्कृत जैसी कठिनतम भाषा का सरलतम निरूपण बाल्य, युवा, प्रौढ, वृद्धावस्था की सम्पूर्ण बाधाओं को तोड़ रहा है। सभी उम्र के सुधी जन इस कक्षा से जुडकर ज्ञान की पिपासा को शांत कर रहे है। जब शताधिक जन एक स्वर में संस्कृत के श्लोकों का एक साथ गायन करते है तो कक्षा प्रत्यक्ष चल रही है या अप्रत्यक्ष पता ही नही चलता। जब यही स्वर विदेशों में बैठे श्रावकों के घर तक पहुंचता है तो यह दृश्य भारतीय संस्कृति का यश गान कर रहा होता है। छंदशास्त्र, अंलकार और व्याकरण का त्रिवेणी संगम सम्पूर्ण जिज्ञासाओं को सम्यक पथ प्रदर्शन कर रहा है।


नई इबारत लिखने का कार्य भी इसी कक्षा से हुआ 
इसी कक्षा का ही प्रभाव है कि अनेक लोंगों की आर्थिक सहायता कक्षा से जुड़े तमाम लोगो के द्वारा की गई। अनेक नवीन संस्कृत के ग्रथों का प्रकाशन कराने में तीन लाख रूपए से अधिक की राशि एकत्रित कर एक नई इबारत लिखने का कार्य भी इसी कक्षा से हुआ। संस्कृत के ग्रंथों के प्रति अगाध श्रृद्धा और भक्ति का फल है कि आपके द्वारा उठाये गये छोटे छोटे सामाजिक कदम एक वटवृक्ष का रूप लेते जा रहे है।